उत्तर प्रदेश

विद्युत संविदा कर्मियों का निजीकरण विरोधी जागरूकता अभियान शुरू

विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश के घटक संगठनों ने लिया निर्णय

लखनऊ ,16 दिसंबर।
विद्युत संविदा कर्मियों ने 16 दिसंबर से निजीकरण विरोधी जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। संगठन 23 दिसंबर तक प्रदेश के हर ज़िले एवं सभी परियोजना स्थलों पर “निजीकरण विरोधी जागरूकता अभियान चलाएगी। यह निर्णय 15 दिसंबर को हुई बैठक में लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ मज़दूर नेता व महासंघ के प्रान्तीय अध्यक्ष आर एस राय ने की।

महासंघ के मीडिया प्रभारी विमल चन्द पांडेय ने बताया कि बैठक में बिजली परिचालन और वितरण में हर वर्ष 1400 की संख्या में जान गँवाने वाले संविदा कर्मियों को मनरेगा मज़दूरों से भी कम वेतन दिए जाने से उनके परिवारजनों में आक्रोष है। महासंघ ने ऊर्जा मंत्री एवं चेयरमैन से माँग की है कि संविदा श्रमिकों को 22 हज़ार रुपये तथा लाइनमैन ,एस एस ओ और कम्प्यूटर आपरेटर को 25 हज़ार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाए । इसके अलावा उनसे मांग की गई है कि तृतीय श्रेणी नियमित कर्मचारियों का नियुक्ति ग्रेड पे तीन हज़ार रुपये और तृतीय ग्रेड पे 6600 रुपए किए जाने का आदेश तत्काल जारी किया जाए ।

दैनिक वेतन विद्युत कर्मचारी संघ के पदाधिकारी और प्रतिनिधि भी हुए शामिल

मीडिया प्रभारी ने बताया कि बैठक में विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश के घटक संगठनों विद्युत संविदा मज़दूर संगठन उत्तर प्रदेश,विद्युत संबिदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश, केस्को संविदा कर्मचारी यूनियन, निविदा संविदा सेवा समिति एवं दैनिक वेतन विद्युत कर्मचारी संघ के पदाधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए।
हमबरा अपार्टमेद में हुई एक बैठक में व्यापक चर्चा के पश्चात घटक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों ने निजीकरण विरोधी जागरुकता अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने का निर्णय किया। बैठक में शामिल होने वालों में नवल किशोर सक्सेना, पुनीत राय, भोला सिंह कुशवाहा, मो. काशिफ़ ,रामभूल सैनी , दिनेश सिंह भोले,चौधरी भूपेन्द्र सिंह,दिनेश कुमार अमित खारी,विनोद कुमार,रियाज्जुदीन, नरेश कुमार,मुदस्सिर एवं शिवबहादुर सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

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