उत्तर प्रदेश

विद्युत निगमों को संयुक्त उद्यम बनाने के लिए प्रबंधन और अभियंता ज़िम्मेदार

विद्युत संविदा मज़दूर संगठन उप्र ने राजधानी सहित प्रदेश के हर ज़िले में किया सत्याग्रह

लखनऊ, 3 दिसंबर।
पूर्वांचल विद्युत निगम वाराणसी व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा का निजी कम्पनियों के साथ संयुक्त उद्यम बनाए जाने की तैयारी से संविदा कर्मियों में खासा रोष है। पीपीपी मॉडल अपनाए जाने से संविदा कर्मियों की छटनी की संभावना को देखते हुए विद्युत संविदा मज़दूर संगठन ने लखनऊ सहित प्रदेश के हर ज़िले में सत्याग्रह कर नाराज़गी जाहिर की।

मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडेय ने बताया कि राजधानी के एचएएल स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर संविदा कर्मियों को संगठन के प्रदेश प्रभारी पुनीत राय ने संबोधित किया। उन्हें कहा कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन से हुई वार्ता में स्पष्ट कर दिया गया है कि कार्यरत संविदा कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी और सेवा मे निरन्तरता की गारंटी दी जाए। इसके बग़ैर निगमों के स्वरूप में किसी भी प्रकार के परिवर्तन के विरूद्ध संविदा कर्मियों द्वारा आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने संविदा श्रमिकों को न्यूनतम ₹22000 एवं लाइनमैन और कम्प्यूटर आपरेटर को ₹25000 वेतन दिए जाने और सेवा अवधि की उप्र 58 वर्ष किए जाने सहित सात लम्बित मांगों का जल्द निपटारा किए जाने की मांग की। उन्होंने एचएएल की अधीक्षण अभियंता को उक्त मांगों के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा।

 

बर्खास्त संविदा कर्मियों को भी पुनः काम पर वापस लिया जाए : आर एस राय

मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडेय ने बताया कि विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ उप्र के अध्यक्ष आर एस राय ने चेयरमैन से गंभीर अपील की ह उन्होंने कहा है कि गत वर्ष मार्च में विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति द्वारा की गई हड़ताल में शामिल होने के कारण निलंबित किए गए अभियंताओं और अवर अभियंताओं की हाल में बहाली की गई है। उन्होंने मांग की है कि इसी तर्ज पर सेवा से बर्खास्त संविदा कर्मियों को भी पुनः काम पर वापस लेने पर विचार किया जाए ।उन्होंने ऊर्जा निगमों की वर्तमान स्थिति के लिए प्रबंधन के साथ ही इंजीनियरों को भी ज़िम्मेदार ठहराया। सत्याग्रह में पुनीत राय प्रभारी सहित जिला अध्यक्ष लखनऊ उत्पादन निगम अध्यक्ष सतीश तिवारी, शिवरतन , धर्मेंद्र कुमार भारती, धनंजय गुप्ता, पंकज यादव, अनु श्रीवास्तव, दिलीप यादव, अनूप यादव, वीरेंद्र मुसाफिर, दयाराम, अरविंद, अनूप शर्मा, अनिल, अश्वनी, पंकज, अनिल गुप्ता, गुड्डू मिश्रा, राजा, हरिनाथ, रामकुमार, मन्नान और राजेश आदि कर्मचारी शामिल रहे।

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