उत्तर प्रदेश

यूपी पावर कॉरपोरेशन ने दिया संविदाकर्मियों की छंटनी न होने देने का भरोसा

मध्यांचल विद्युत निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों को मिली राहत

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के संविदा कर्मी धरने पर

आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती संविदा कर्मियों की छटनी से नाराजगी

मध्यांचल विद्युत निगम के एमडी कार्यालय पर दे रहे धरना

18000 रुपए न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे कर्मचारी

निकाले गए कर्मचारियों को वापस लिए जाने की मांग

मानक के अनुसार सुरक्षा उपकरण न मिलने से नाराजगी

बिजली की चपेट करने से जान गवाने वाले संविदा कर्मी के परिवारों को नहीं मिल रहा भुगतान

आउटसोर्स कंपनियांकर रही मनमानी

आउटसोर्स कर्मचारी के फंड को जमा करने में घपले की शिकायत

उच्च न्यायालय के आदेश की लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, हरदोई में हो रही अवमानना

प्रबंधन की मनमानी से कर्मचारियों में भारी आक्रोश

धरने के साथ कर्मचारी अब सत्याग्रह पर

लखनऊ।
यूपी पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में संविदाकर्मियों ने गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल मुख्यालय पर सोमवार को घंटों जोरदार प्रदर्शन किया। संविदा कर्मियों की भरी भीड़ के चलते मध्यांचल विद्युत निगम दफ्तर के सामने की सड़क घंटों जाम रही। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने छंटनी के आदेश को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की। वहीं संगठन पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर हिटलरी फरमान को वापस लिए जाने की गुहार लगाई।

यूपी पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में संविदाकर्मियों ने कहा कि अगर उनकी आजीविका पर संकट आया तो वह आरपार की लड़ाई के लिए मजबूर हो जाएंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र पाण्डेय ने कहा कि कर्मचारियों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। दिवाली में अगर उनके किसी साथी की नौकरी से छेड़छाड़ हुई तो वह सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। वहीं अन्य पदाधिकारियों ने भी प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ लोगों को रोजगार देने के लिए भरपूर कोशिश में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ अफसर उनकी छवि खराब करने के लिए छंटनी जैसे फरमान जारी कर रहे हैं।

निदेशक कॉर्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन ने दिया छंटनी न होने देने का भरोसा

इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे संगठन और निदेशक (कॉर्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) के बीच वार्ता शुरू हुई। करीब घंटे भर चली वार्ता के दौरान संगठन ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में लगभग 40 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने से जहां एक तरफ भारी संख्या में कर्मचारी बेरोजगार होंगे। वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों की दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी होगी। जिस पर निदेशक ने बताया कि किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को कार्य से नहीं हटाया जाएगा। सभी संविदाकर्मियों को वेतन भुगतान भी कर दिया गया। उन्होंने संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा के सवाल पर साकारात्मक रवैया अख्तियार किया। डायरेक्टर ने सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने का भी भरोसा दिया।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि वह उनकी मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री से करेंगे बात 

संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मियों की छंटनी के विरोध में कर्मचारी संघ ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी मुलाकात की। इस मौके पर संघ के नेताओं ने डिप्टी सीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई। कर्मचारी नेताओं ने इस दौरान कहा कि अल्पवेतन पर जोखिमभरा काम करने के बावजूद विभाग संविदा कर्मियों की छंटनी पर आमादा है। जिस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि वह उनकी समस्याओं और मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से बात करेंगे।

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