देश-विदेश

आरपीओ ने एक बार फिर की एपोस्टिल/अटेस्टेशन सेवाओं की शुरुआत

लखनऊ में पांच एजेंसियों के जरिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय दे रहा ये सेवाएं

लखनऊ, 23 दिसंबर। 

राजधानी के विपिन खंड, गोमती नगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय एक बार फिर एपोस्टिल/अटेस्टेशन सेवाओं की शुरुआत की है विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पहले 01 जनवरी 2019 में यह सुविधा लागू की थी लेकिन कोविड के चलते उस दौरान यह सर्विस बंद हो थी। एपोस्टिल/अटेस्टेशन सेवाओं के विकेंद्रीकरण के अनुरूप है जिसके फलस्वरूप लखनऊ सहित 16 शहरों के शाखा सचिवालयों और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों में ये सेवाएं सुलभ होने लगी हैं ।

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी शुभम सिंह ने बताया कि एपोस्टिल प्रमाणीकरण उन नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें हेग कम्वेशन के हस्ताक्षरकर्ता देशों में अपने दस्तावेजों का उपयोग करना होता है। उन्होंने बताया कि इन दस्तावेजों को विधिमान्य बनाना आवश्यक होता है। आरपीओ शुभम सिंह ने बताया कि विदेश मंत्रालय की यह नई सेवा शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जन्म और विवाह प्रमाण पत्र, शपथ पत्र और अन्य सरकारी कागजात सहित विभिन्न सार्वजनिक दस्तावेजों को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाएगी। आरपीओ शुभम सिंह ने बताया कि दस्तावेज़ के एपोस्टिल के लिए शुल्क मात्र 50 रुपये है। जबकि सामान्य अटेस्टेशन पूरी तरह निःशुल्क है। उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर 2016 में, पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से भुगतान बंद कर दिया गया है।

5 अक्टूबर, 1961 को नीदरलैंड के हेग में हुई थी अंतरराष्ट्रीय संधि

हेग कन्वेंशन के तहत, विदेशी सार्वजनिक दस्तावेज़ों को प्रमाणित करने के लिए वैधीकरण की ज़रूरत नहीं होती है। इसे एपोस्टिल कन्वेंशन भी कहा जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे 5 अक्टूबर, 1961 को नीदरलैंड के हेग में अपनाया गया था। यह 24 जनवरी, 1965 को लागू हुआ था। हेग कन्वेंशन के तहत, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और व्यापार के लिए विशेष रूप से सहायक होने के लिए हेग एपोस्टिल की शुरुआत की गई। इस प्रक्रिया से, विदेशी देशों में इस्तेमाल के लिए सार्वजनिक दस्तावेज़ों को प्रमाणित करने की प्रक्रिया सरल हो जाती है।

लखनऊ में पांच एजेंसियों  के जरिए जमा किए जा सकेंगे प्रपत्र

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी शुभम सिंह ने बताया कि एपोस्टिल या अटेस्टेशन के दस्तावेज़ पांच नामित आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से ही जमा और एकत्र किए जा सकेंगे। ये एजेंसियां पति दस्तावेज़ 84 रुपये का सेवा शुल्क और पति पृष्ठ 03 रुपये का स्कैनिंग शुल्क लेती है। आरपीओ शुभम सिंह ने बताया कि स्थानीय स्तर पर एपोस्टिल सेवाएं प्रदान करने का उद्देश्य है कि आवेदकों को इस काम के लिए दिल्ली या फिर दूसरे शहरों के चक्कर न काटने पड़े। विदेश मंत्रालय उन्हें यह सेवा बिना किसी बाधा के उपलब्ध कराने जा रहा है। उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड की राज्य सरकारों के सक्षम प्राधिकारियों तथा इन राज्यों में स्थित केंद्रीय संगठनों द्वारा जारी सभी दस्तावेजों के एपोस्टिल/अरेस्टेशन के लिए पांच आउटसोर्स एजेंसियों से संपर्क किया जा सकता है।

  1. मेसर्स सुपर्व एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, मो० सं०-7303916290, जी-49, तेज कुमार प्लाजा, 1- त्रिलोकी नाथ रोड, हजरतगंज, लखनऊ
  2. मेसर्स आई.वी.एस. ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मो० -8860794662, अपर ग्राउंड फ्लोर, ए- 1/4, विवेक खंड, मिठाईवाला चौराहा, गोमती नगर, लखनऊ
  3. मेसर्स अलंकित लिमिटेड, मो० -7290012334, दूसरा तल, बर्लिंगटन कॉसिंग, विधान सभा मार्ग, लखनऊ
  4. मेसर्स अलहिंद टूर्स एंड ट्रैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड, मो० -7290054871, लोअर ग्राउंड फ्लोर, ऑफिस नं.5, खेल हाइट्स, 23, बी. एन. रोड, लालबाग, लखनऊ
  5. मेसर्स बी.एन.एम. इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड, मो०-9598100600, 12/29, मधुवन अपार्टमेंट फ्लैट नं. जी एफ-01, पुराना किला, कैंट रोड, सदर लखनऊ

 

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