रेलवे में पक्की नौकरी की मांग पर लखनऊ में जुटे देश भर के कुली नेता*
केंद्र सरकार और रेलमंत्रालय पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
~कुलियों की अखिल भारतीय बैठक में पास किए गए कई प्रस्ताव
~2008 की तरह एक बार फिर कुलियों ने रेलवे में भर्ती खोलने की मांग
~कुलियों के वाट्सएप ग्रुप में अरसे से चला व्यापक विचार विमर्श
~लोकसभा के नेता विरोधी दल राहुल गांधी से भी जता चुके हैं अपना दर्द
~परिवार का पेट पालना हुआ मुश्किल
~बच्चों को पढ़ाने का भी नहीं निकल रहा खर्च
टी एन मिश्र , लखनऊ
रेलवे में पक्की नौकरी की मांग को लेकर पूरे देश के कुली नेता गुरुवार को यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे। अखिल भारतीय बैठक में उन्होंने एक स्वर से रेल मंत्री लालू यादव के कार्यकाल वर्ष 2008 में की गई घोषणा को दोबारा लागू करने की मांग की। चारबाग स्टेशन पर इस दौरान कुलियों ने कहा कि उनका एक मात्र लक्ष्य रेलवे में नौकरी पाना है। कुली नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बार-बार वादा खिलाफी कर रही है। पुराना आदेश होने के बावजूद उन्हें रेलवे में पक्की नौकरी नहीं मिल पा रही है। वहीं दूसरी तरफ रेलवे स्टेशनों पर आउटसोर्सिंग में शुरू की गई ट्राली प्रथा से वह लगभग बेरोजगार हो गए हैं। कुलियों ने कहा कि उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा और इलाज की सुविधा की घोषणा भी अभी तक लागू नहीं हो चुकी है।
कुलियों की राष्ट्रीय बैठक के आयोजक राम सुरेश यादव एवं ऑल इंडिया कुली संघ के महामंत्री फतेह मोहम्मद ने बताया कि सभी कुलियों को दुर्घटना बीमा की सुविधा मिलनी चाहिए। बुजुर्ग कुलियों पेंशन देने की मांग भी सरकार पूरी नहीं कर रही है। साथ ही उन्होंने प्रयागराज में कुलियों के ऊपर लगाए गए फर्जी मुकदमे को वापस लिए जाने की मांग भी की।उन्होंने बताया कि कुलियों के वाट्सएप ग्रुप में चले व्यापक विचार विमर्श में हमारे संघर्ष का सबसे बड़ा सवाल 2008 की तरह एक बार फिर कुलियों को रेलवे की नौकरी में समायोजित करने का उभरा है। इसलिए कुलियों ने एकजुट होकर सत्याग्रह अभियान चलने का निर्णय किया है।
*कुलियों की प्रमुख मांगें और प्रस्ताव*
कुलियों की राष्ट्रीय बैठक के आयोजक राम सुरेश यादव एवं ऑल इंडिया कुली संघ के महामंत्री फतेह मोहम्मद ने बताया कि इसके साथ ही कुछ सवाल हैं जिनका तत्काल हल होना भी हमारी जिंदगी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे में कई मुद्दों को भी अभियान में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
1. रेलवे स्टेशनों पर आउटसोर्सिग में शुरू की गई ट्राली प्रथा को तत्काल रद्द किया जाए।
2. बैटरी रिक्शा को मात्र विकलांग, बीमार और वृद्ध लोगों के लिए ही चलाया जाए और इसकी नियमावली तैयार की जाए। इसमें भारी सामान होने पर तत्काल रोक लगाई जाए।
3. कुलियों को रेलवे के आदेशों के अनुरूप तत्काल उनके बच्चों को शिक्षा, मुफ्त इलाज, हेल्थ कार्ड, वर्दी आदि की तय की गई सुविधाएं प्रदान की जाए।
4. कुलियों को दुर्घटना बीमा लाभ देना सुनिश्चित किया जाए और वृद्ध कुलियों को पैशन दी जाए।
5. प्रयागराज में कुलियों के ऊपर लगाए गए मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं।
*कुलियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 10 नवंबर को*
1. बैठक में देशभर के सैकड़ों संगठनों द्वारा संचालित रोजगार अधिकार अभियान का समर्थन करते हैं। गौरतलब है कि इस अभियान में रोजगार के लिए संसाधन जुटाने के लिए देश के सुपर रिच और कॉर्परिट घरानों की सम्पति पर टैक्स लगाने, हर नागरिक के सम्मानजनक जीवन के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व सामाजिक सुरक्षा देने और सभी रिक्त सरकारी विभागों के पदों को भरने की मांग उठाई है। बैठक 10 नवंबर 2024 को दिल्ली में आयोजित इस अभियान के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने की अपील भी करती है।
2.11 से 14 नवंबर तक दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिवों को व सांसदों को मांग
पत्र देना ताकि आगामी शीतकालीन सत्र में कुलियों की आजीविका का सवाल संसद में उठ सके।
3. 20 नवंबर से लेकर 30 नवंबर के बीच स्थानीय सांसदों, विधायकों के माध्यम से रेल मंत्री भारत सरकार को कुलियों के सवालों को हल करने के लिए पत्र भेजना।
4.10 दिसंबर को नई दिल्ली में कुलियों का एक दिवसीय विशाल धरना आयोजित करना।
5. रेल मंत्री और प्रधानमंत्री के नाम राष्ट्रीय ट्विटर अभियान की तारीख तय करना।
*कुलियों ने पास किए कई संगठनात्मक प्रस्ताव*
1. कुलियों कि इस साझा आंदोलन को चलाने के लिए कुली मोर्चा, राष्ट्रीय कुली मोर्चा, संयुक्त कुली मोर्चा, कुली संयुक्त मोर्चा या अन्य किसी नाम पर विचार करना।
2. आंदोलन को संचालित करने के लिए राष्ट्रीय संघर्ष कोष का निर्माण करना और उसके लिए कुलियों पर लगाई गई
3. साझे संघर्ष के संचालन के लिए संयोजक मंडल के सदस्यों का चुनाव करना।