उत्तर प्रदेश

नगर निगम में सामान्य कर सम्बन्धी कोई नामांतरण नियमावली न होने से लोग त्रस्त

नगर निगम कर्मचारी संघ ने की भवन नामांतरण नियमावली की उपविधि बनवाने की माँग

लखनऊ,10 जनवरी ।

नगर निगम में सामान्य कर सम्बन्धी कोई नामांतरण नियमावली न होने की समस्या से लोग त्रस्त हैं। नगर निगम लखनऊ के 8 ज़ोनो में अलग -अलग विधि अनुसार नामांतरण प्रकरण पर कार्यवाही के कारण यह प्रक्रिया शिकायतों की जड़ बन गई है। ऑनलाइन पोर्टल, मुख्यमंत्री पोर्टल, जनसूचना स्तर पर प्रकरण लम्बित व कर्मचारियों को कार्य सम्पादन में हो रही कठिनाइयों के साथ -साथ जनता को आ रही परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुये नगर निगम कर्मचारी संघ लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनन्द वर्मा ने नगर निगम लखनऊ में सामान्य कर भवन नामांतरण नियमावली की उपविधि शीघ्र बनवाने की माँग की है।

नगर निगम कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष शमील अखलाक़ ने बताया कि संघ के अध्यक्ष आनन्द वर्मा ने नगर आयुक्त लखनऊ को पत्र के साथ तथ्यों और तकनीकी दिक्कतों की सूची भी प्रस्तुत की है। उन्होंने दिक्कतों को दूर करने के लिए शीघ्र ही नियमावली बनाये जाने की माँग की है।

 तथ्यों के दृष्टिगत सामान्य कर के अन्तर्गत नामान्तरण उपविधि बनाये जाने पर हो विचार
1. नामान्तरण हेतु कई विक्रय विलेख/ श्रृंखला विलेख होने की स्थिति में नामान्तरण शुल्क की गणना भी ऑन लाइन आवेदन में की जाय। प्रत्येक विक्रय विलेख की दिनांक के आधार पर शुल्क भी पोर्टल पर प्रदर्शित व आगणित हो।
2. नामान्तरण हेतु ऑन लाइन आवेदन में साक्ष्य स्वरूप विक्रय विलेख, श्रृंखला विक्रय विलेख, मृत्यु प्रमाण-पत्र, शपथ-पत्र, अनापत्ति शपथ-पत्र, उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र, सक्षम न्यायालय द्वारा प्रदत्त उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र, भवन संबंधी मा0 न्यायालय के अन्तिम निर्णय की प्रति आदि अभिलेख, जिसके आधार पर आवेदन किया जा रहा है, समस्त अभिलेखों को स्कैन कर अपलोड करने के उपरान्त ही आवेदन स्वीकार्य किये जायं।
3. नगर निगम, लखनऊ ऑन लाइन आवेदन पर प्रपत्रों को अपलोड करने की क्षमता मात्र 300 ज्ञठ की क्षमता को बढ़ाया जाय।
4. ऑन लाइन आवेदन जिस आधार पर किया जा रहा है, उक्त सभी श्रेणी ;ब्संनेमद्ध प्रदर्शित रहे व उक्त आधार पर समस्त प्रपत्रों की जानकारी व उक्त सभी दस्तावेज स्कैन लोड करने की जानकारी प्रदर्शित हो।
5. प्राप्त प्रत्येक श्रेणी के आवेदन पर कार्यवाही हेतु नगर निगम प्रशासन द्वारा जारी नामान्तरण उपविधि के अनुसार ही प्रत्येक जोन कार्यालयों में आवेदन पर कार्यवाही की जाय, जिससे एकरूपता बनी रहे।
6. पारिवारिक/ वरासतन नामान्तरण आवेदन उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र के आधार पर किया जाय अथवा 10 रु0 के नोटरी शपथ-पत्र पर प्राप्त पारिवारिक सिजरा/ शपथ-पत्र पर किया जाय।
7. 10रु0 के नोटरी अनापत्ति शपथ-पत्र के आधार पर परिवार के किसी एक सदस्य के नाम सम्पूर्ण भवन नामान्तरण कर नाम दर्ज किया जाय अथवा स्टाम्प
पंजीकरण अधिनियम के अन्तर्गत पारिवारिक सदस्यों द्वारा किसी एक सदस्य के नाम दर्ज किये जाने हेतु दान विलेख के आधार पर किया जाय।
8. आवेदनकर्ता को आवेदन करते समय ही सभी अभिलेखों की सत्यापित/ प्रमाणित प्रतियां हेतु तय समय में सम्बन्धित कार्यालय में प्रस्तुत करने की सूचना प्रदर्शित हो, जिससे तय समय में प्राप्त अभिलेखों के आधार पर कार्यवाही की जा सके।
9. प्राप्त आवेदन सम्बन्धित जोन के कर अधीक्षक को नगर निगम द्वारा जारी आई0डी0 पर ही प्रदर्शित होता है, जिसे प्रत्येक दिन समीक्षा करते हुए कर अधीक्षक प्राप्त आवेदन एक तय समय में सम्बन्धित पटल को प्राप्त करायें।
10. अधिकारियों/ कर्मचारियों के स्थानान्तरित होने की दशा मंे कार्यभार ग्रहिता को पटल पर लम्बित आवेदनों की सूची दी जाय।
11. आवेदन त्रुटिपूर्ण, गलत अथवा नियमानुसार न होने के कारण अस्वीकार्य / निरस्त होने पर सम्बन्धित के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर नगर निगम द्वारा कारण सहित सूचना का मैसेज तत्काल भेजा जाये।
12. गलत तथ्यों, कूटरचित दस्तावेजों, जाली/फर्जी हस्ताक्षर/ दस्तावेज के आधार पर किये गये आवेदन पाये जाने व भ्रामक सूचना दिये जाने पर नगर निगम द्वारा कानूनी दण्ड आरोपित किये जाने की सूचना भी प्रदर्शित हो।
13. आवेदक द्वारा आवेदन में अपना मोबाइल नम्बर ही आवेदन में व जेनरेट ओ0टी0पी0 प्राप्त होने हेतु दर्ज किये जाने की सूचना प्रदर्शित हो।
14. सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम, पंजीकरण अधिनियम 1909, हिन्दू उत्तराधिकार ;संशोधनद्ध अधिनियम 2005 व स्टॉम्प अधिनियम के आधार पर नामान्तरण उपविधि तैयार कराकर लखनऊ नगर निगम के सभी जोनों में लागू की जाये।
15. पारिवारिक / वरासतन नामान्तरण हेतु नगर निगम में दर्ज स्वामी/ अध्यासी व परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर नामान्तरण आवेदन प्रस्तुत करने की एक समय सीमा निर्धारित की जाय, जिसके उपरान्त आवेदन पर जिलाधिकारी द्वारा
प्रदान किये गये उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र अथवा मा0 सक्षम न्यायालय द्वारा प्रदान उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र के आधार पर कार्यवाही की जाय ।
16. भवन के जुज भाग विक्रय के नामान्तरण हेतु आवेदन में अलग से सुविधा प्रदान की जाय।

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