रेल कर्मियों के लिए प्रयागराज में ड्यूटी करना बना “जीवन का संघर्ष”
बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने में गंभीर चूक
ड्यूटी पर बुलाए जाने के बाद उन्हें ठहरने और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव
कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान गंभीर अव्यवस्थाओं और प्रबंधकीय खामियों की ओर ध्यान आकर्षित
बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने में गंभीर चूक
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक को शिकायत करते हुए लिखा पत्र
कर्मचारियों को अपने खर्चे पर महंगे होटलों में रुकना पड़ा
भविष्य में इस तरह की समस्याओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं
टी एन मिश्र, लखनऊ।
कुंभ मेले के आयोजन के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान गंभीर अव्यवस्थाओं और प्रबंधकीय खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रबंधन ने कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने में गंभीर चूक की है, जिससे उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
“ड्यूटी पर बुलाया, लेकिन सुविधाओं का अभाव”
रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि कुंभ मेले के दौरान ड्यूटी पर बुलाए जाने के बाद उन्हें ठहरने और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। स्टेशन पर पहुंचने के बाद घंटों इंतजार के बावजूद उनके लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। मजबूरी में कर्मचारियों को अपने खर्चे पर महंगे होटलों में रुकना पड़ा, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गईं।
“वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक को लिखा गया पत्र”
कर्मचारियों ने अपने पत्र में प्रबंधन से शिकायत करते हुए कहा है कि उनके ठहरने और भोजन जैसी बुनियादी जरूरतों की पूरी तरह से अनदेखी की गई। उन्होंने प्रबंधन की इस लापरवाही को गंभीर समस्या बताया, जिससे न केवल कर्मचारियों को मानसिक तनाव झेलना पड़ा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति पर भी इसका असर पड़ा।
“महंगे होटलों में रुकने की मजबूरी”
पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि ड्यूटी के दौरान बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कर्मचारियों को व्यवसायिक होटलों में रुकना पड़ा। इसका खर्चा भी कर्मचारियों को अपनी जेब से उठाना पड़ा, जो उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ साबित हुआ।
“प्रबंधकीय खामियों पर उठे सवाल”
पत्र में कर्मचारियों ने प्रबंधन की ओर से की गई लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी परिस्थितियों से न केवल उनका मनोबल गिरता है, बल्कि इससे रेलवे की कार्यकुशलता भी प्रभावित होती है।
“भविष्य के लिए मांग: व्यवस्थाओं में सुधार हो”
कर्मचारियों ने प्रबंधन से आग्रह किया है कि भविष्य में इस तरह की समस्याओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने मांग की है कि ड्यूटी के दौरान ठहरने, भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, कर्मचारियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं ताकि इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
“क्या प्रबंधन सुनेगा कर्मचारियों की आवाज़?”
रेलवे कर्मचारियों का यह पत्र प्रबंधन के लिए एक चेतावनी की तरह है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में अफसर क्या कदम उठाते हैं। कुंभ मेले जैसे बड़े आयोजन में इस तरह की अव्यवस्थाएं न केवल कर्मचारियों को परेशान करती हैं, बल्कि रेलवे की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि प्रबंधन उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेगा और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा। फिलहाल, “समाधान एक्सप्रेस” का इंतजार जारी है।
कर्मचारियों की शिकायत होगी दूर:सीनियर डीसीएम
कर्मचारियों को शिकायत या समस्या की जानकारी देने के लिए जगह जगह QR कोड लगाए गए हैं। उन पर आने वाली शिकायतों की मॉनिटरिंग की जा रही है। कर्मचारियों की जी भी शिकायत होगी उसे दूर किया जायेगा।
कुलदीप तिवारी
सीनियर डीसीएम उत्तर रेलवे